Nuclear Reactor (नाभिकीय रिएक्टर) & Power Plants in India

What is a Nuclear Reactor (नाभिकीय रिएक्टर) | Component, Advantage & Disadvantage, Power Plants in India

नाभिकीय रिएक्टर एक ऐसा संयंत्र होता है जिसकी सहायता से नाभिकीय अभिक्रियाएं नियंत्रण (Nuclear Reactions Control) कर, निर्मुक्त ऊर्जा (Free energy) का उपयोग रचनात्मक कार्यों के लिए किया जाता है. आजकल Nuclear Reactor का प्रयोग विद्युत ऊर्जा उत्पादन के लिए किया जा रहा है.

nuclear power plant in india

नाभिकीय रिएक्टर के महत्वपूर्ण अवयव (Important Components of Nuclear Reactors)




1. कोर (Cor)

नाभिकीय रिएक्टर का मुख्य भाग कोर होता है, नाभिकीय विखंडन (Nuclear Fission) की अभिक्रिया इसी भाग में होती है.

2. ईंधन (Fuel)

यूरेनियम (Uranium) मूल ईंधन है आमतौर पर, ईंधन रॉड बनाने के लिए ट्यूबों में यूरेनियम ऑक्साइड (यूओ 2) की छर्रियां व्यवस्थित की जाती हैं।
नाभिकीय रिएक्टरों में ईंधन के तौर पर U235, Pu239 आदि  ईंधन के रूप  में प्रयोग होता है

भारत द्वारा ऐसे रिएक्टर का विकास अंतिम दौर में है, जिसमें के तौर पर थोरियम (Th) उपयोग किया जाएगा। इसका विकास हो जाने से भारत को नाभिकीय ईंधन के लिए आयात पर निर्भरता कम होगी. भारत में थोरियम की उपलब्धता है

3. नियंत्रक छड़ी (Control Rods)

नियंत्रण छड़ो (Control Rods) की सहायता से रिएक्टर में घटित होने वाली नाभिकीय अभिक्रिया (Nuclear Reaction) की दर (Rate) को नियंत्रित किया जाता है यह नियंत्रक छडे बोरोन (Boron) और कैडमियम (Cadmium) की बनी होती है.

ये न्यूट्रॉन-अवशोषित (Neutron-absorbed) सामग्री जैसे कि कैडमियम (Cadmium) या बोरान (Boron) के साथ बने होते हैं, और प्रतिक्रिया दर को नियंत्रित करने के लिए कोर से निकाले जाते हैं, या प्रतिक्रिया दर को इसे रोकने के लिए.

4. संचालक (Moderator)

कोर में एक सामग्री जो विखंडन से जारी न्यूट्रॉन (Neutron) को धीमा कर देती है ताकि वे अधिक विखंडन का कारण बनें। यह आम तौर पर पानी है लेकिन भारी पानी या ग्रेफाइट (Graphite) हो सकता है।

शीतलक (Coolant)

शीतलक (Coolant) का उपयोग अभिक्रिया के दौरान उत्सर्जित उष्मीय उर्जा के नकारात्मक प्रभावों को प्रभावहीन करने के लिए किया जाता है. सामान्यता भारी जल (heavy water), द्रव सोडियम (Liquid sodium) का उपयोग शीतलक के रूप में किया जाता है. कोर के माध्यम से घूमने वाले द्रव से गर्मी (Heat from fluid) को हस्तांतरित (Transferred) करने के लिए।

5. रक्षक आवरण (Shield)

रिएक्टर का कोर एक स्टील (Steel) अथवा कंक्रीट (Concrete) के एक आवरण से बंद रहता है, जिससे उत्सर्जित विकिरण (Radiation) ऊष्मा का कोई नकारात्मक प्रभाव न उत्पन्न हो.

नाभिकीय ऊर्जा के उपयोग (Uses of Nuclear Energy)

1. विद्युत ऊर्जा उत्पादन में (Power generation)
2. पनडुब्बी युद्धपोत आदि के संचालन में. (Operation of submarine battleship etc.)
3. परमाणु ऊर्जा से दुनिया के 11% से अधिक बिजली का उत्पादन होता है,
4. आज, पनडुब्बियों को बढ़ावा देने के लिए मूल रूप से विकसित डिजाइनों और बड़े नौसेना के जहाजों से बने रिएक्टर दुनिया के परमाणु बिजली के लगभग 85% उत्पन्न करते हैं।

परमाणु ऊर्जा के फायदे (Advantages of Nuclear Power)


1. परमाणु ऊर्जा (Nuclear Energy) के माध्यम से बिजली (electricity) की पैदावार जीवाश्म ईंधन (कोयला और तेल) से उत्पन्न ऊर्जा की मात्रा कम करती है। जीवाश्म ईंधन (fossil fuels) के कम उपयोग का अर्थ है ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (CO2 और अन्य) कम करना.

2. ईंधन की मात्रा: कम ईंधन अधिक ऊर्जा प्रदान करता है. परमाणु ईंधन (overall uranium) की लागत उत्पन्न ऊर्जा की लागत का 20% है.

3. एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र (Nuclear power plant) लगभग 90% वार्षिक समय के लिए बिजली पैदा कर रहा है। इससे पेट्रोल जैसे अन्य ईंधन की कीमत में अस्थिरता कम (reduces) हो जाती है।

4. यह जीवाश्म ईंधन (fossil fuels) के लिए एक विकल्प है, इसलिए कोयले या तेल (coal or oil) जैसे ईंधन की खपत कम हो जाती है।

5. कोयले और तेल की खपत में कमी से ग्लोबल वार्मिंग (global warming) और वैश्विक जलवायु परिवर्तन (global climate change) की स्थिति को फायदा होता है। जीवाश्म ईंधन (fossil fuels) की खपत को कम करके हम बीमारी (disease) और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाली हवा (Air) की गुणवत्ता में सुधार भी करते हैं।

परमाणु ऊर्जा के नुकसान (Disadvantages of Nuclear Power)


1. परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की सुरक्षा प्रणालियों के उच्च स्तर के परिमाण के बावजूद, परमाणु दुर्घटना का प्रबंधन करना हमारे पास कोई गारंटी नहीं है कि हमारे द्वारा किए गए फैसले हमेशा सर्वश्रेष्ठ होते हैं। जापान के चेरनोबिल (Chernobyl) और फुकुशिमा (Fukushima) में हुई दुर्घटना दो अच्छे उदाहरण हैं. इतिहास में फुकुशिमा (Fukushima) परमाणु दुर्घटना (nuclear accident) दूसरा सबसे बड़ा दुर्घटना है.

2. परमाणु कचरे (nuclear waste) के प्रबंधन (management) में कठिनाई का मुख्य नुकसान है। इसकी रेडियोधर्मिता (Radioactivity) और जोखिम को खत्म करने में कई सालों लगते हैं.

3. परमाणु संयंत्रों (Nuclear plants) का सीमित जीवन है एक परमाणु संयंत्र के निर्माण के लिए निवेश बहुत अधिक है और जितनी जल्दी हो सके बरामद किया जाना चाहिए, इसलिए यह उत्पन्न बिजली (electricity generated) की लागत को बढ़ाता है। दूसरे शब्दों में, उत्पन्न ऊर्जा, ईंधन की लागत की तुलना में सस्ती है, लेकिन इसके निर्माण बहुत महंगा है

परमाणु शक्ति का पहला उपयोग जापान पर द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा छोड़े गए दो परमाणु बमों का निर्माण था। यह पहला और अंतिम समय था जब एक सैन्य हमले (military attack) में परमाणु शक्ति का इस्तेमाल किया गया था।

बाद में, कई देशों ने परमाणु अप्रसार संधि (Nuclear Non-Proliferation Treaty) पर हस्ताक्षर किए, परन्तु भविष्य में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकता है कि जोखिम हमेशा बना रहेगा.

Nuclear Power Plants in India (भारत में परमाणु ऊर्जा संयंत्र)


Kaiga(Karnataka), Kakrapar (Gujrat), Kudankulam (tamil Nadu), Madras kalpakkam(Tamil Nadu), Narora (Uttar Pradesh), Rajasthan, and Tarapur (Maharastra).

भारत में निर्माण के तहत परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और रिएक्टर (Nuclear power plants and reactors under construction in India).

Kakrapar Unit 3 and 4 (Gujarat), Kudankulam (Tamil Nadu), Madras (Kalpakkam) Rajasthan Unit 7 and 8 (Rajasthan).

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