Cashless India Essay in Hindi | Cashless India kya hai

Cashless India Essay in Hindi Digital India Nibandh

आप पूरा आर्टिकल पढ़े. इससे आपको पता चल जायेगा की एग्जाम में कैसे निबंध लिखना है. यह आर्टिकल SSC CGL TIER-3, SSC LDC TIER 2 AND IB TIER-2 एग्जाम की तैयारी कर  रहे विधार्थी के लिए बहुत ही सहायक पूर्ण होगा। 

नकद रहित अर्थव्यवस्था (Cashless Economy) से मतलब उस अर्थव्यवस्था से है, जिसके भीतर नकदी का प्रवाह अस्तित्वविहीन हो और सभी लेनदेन को  डेबिट और क्रेडिट कार्डइलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग व् भुगतान प्रणाली जैसे कि तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस)नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (एनईएफटी) और रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) से है ।


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भारत लेनदेन के लिए बहुत अधिक नकदी का उपयोग करता है नगदी से सकल घरेलू उत्पाद  का अनुपात दुनिया में सबसे ज्यादा है- 2014 में 12.42% है चीन में 9.47% या ब्राजील में 4% की तुलना में। सभी भुगतानों का 5% से कम इलेक्ट्रॉनिक रूप से होता है दूरसंचार और स्मार्टफोन का विस्तार निकट भविष्य के डिजिटल परिवर्तन प्रदान करेगा। निजी क्षेत्र इस परिवर्तन का केंद्र हो सकता है। 



सरकार इलेक्ट्रॉनिक विभागों को बढ़ावा देने के लिए सभी विभागों को डिजिटाइज़ कर रही है। प्रधान मंत्री जन धन योजना इस क्षेत्र में लाभकारी हो सकती है।

नकली नोटों के हस्तांतरण और नकली नोटों के पारगमन पर व्यय के साथ-साथ मूल्यवर्धनकाला धनभ्रष्टाचारकर चोरी और अचल संपत्ति मूल्य में कमी को कम करने से नकद निकासी से बचा जा सकता है। 

लेकिन आने वाली बाधाएं कम  नहीं करती हैं इन बाधाओं मेंइंटरनेट की धीमी गतिसाइबर सुरक्षालोगों में अधिक चार्ज करने का डर हैनिरक्षरता और जागरूकता की कमीऔर बैंकों के व्यक्तिगत भुगतान वॉलेट का उपयोग। आर.बी.आई. प्रमोशन और भुगतान बैंक को लाइसेंस देकर,  बैंकों में सक्रिय खातों को खोलना कैशलेस अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छी पहल है। इसे सुरक्षित करके एटीएम निकासी  शुल्क को हटाने के जरिए भारत को नगदिरहित बना सकते हैं।

कैशलेस भुक्तान के लिए सबसे बड़ी समस्या तकनीक की उपलब्धता तथा लोगों में जागरूकता हैं। देश की आबादी को देखते हुए प्रतेक दुकान - मॉल तथा व्यापारिक संस्थान में कैशलेस उपकरण को उपलब्द कराना मुश्किल कार्य है। 

लोग नहीं जानते हैं की आधुनिक उपकरण का इस्तेमाल किस तरह से किया जाए। यह आवश्यक है की कैशलेस तकनीकी उपकरण की उपलब्धता को व्यापक किया जाए तथा इसके लेन देन की व्यवस्था के लिए आम लोगों को प्रशिक्षित किया जाए।  



अगर आम लोग तकनीक का इस्तेमाल कर पाएंगे तब ही यह योजना सफल को सकती है।  इसके लिए साक्षरता के अभियान के साथ - साथ तकनिकी साक्षरता पर बल देना पड़ेगा।  पढ़े - लिखे युवाओं का यह कर्तव्य बनता है कि वे आम आदमी को नवीनतम तकनीक जो कैशलेस से संबंधित है के बारे में जानकारी दे एंव प्रशिक्षित करें।  अगर कैशलेस लेन - देन भारत में सफल हो जाता है तो  यह एक चमत्कार होगा और भारत अतिशीघ्र आर्थिक महासक्ति बन जायेगा। 

हमारी सरकार ने जो इस दिशा में जो कदम उठाया है दुनिया इसे देख रही है और हमें दुनिया के सामने  खरा उतरना हैं।

                                    
इस आलेख को पढ़ने के लिए धन्यवाद

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