Atal Bhujal Yojana: अटल भूजल योजना लाभ, प्रभाव, प्रमुख घटक, जल प्रबन्धन

Atal Bhujal Yojana - Essay on Atal Bhujan Yojna in Hindi or Essay on Atal Bhujan Yojna 


अटल भूजल योजना में हम योजना के बारे में, योजना के प्रमुख घटक, अटल भूजल योजना के निम्नलिखित लाभ हैं, अटल भूजल योजना प्रभाव, अटल भूजल योजना भारत में जल प्रबन्धन , अन्य महत्वपूर्ण तथ्य के बारे में जानकारी लेंगे. 
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Atal Water Scheme
Atal Bhujal Yojana

प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने 25 दिसम्बर, 2019 को पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयन्ती के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में अटल भूजल योजना आरम्भ की।

पानी की समस्या से निपटने के लिए लाई गई अटल भूजल योजना पर 5 वर्ष (2020-21 से 2024-25) में ₹ 6000 करोड़ का खर्च होगा, जिसमें से ₹ 3000 करोड़ विश्व बैंक और ₹ 3000 करोड़ भारत सरकार देगी। 


अटल भूजल योजना योजना के बारे में | About Atal Bhujal Yojana


इस योजना का लक्ष्य देश के उन इलाकों में भूजल के स्तर को ऊपर उठाने का है जिन इलाकों में भूजल का स्तर काफी नीचे चला गया है।

यह योजना टिकाऊ भूजल संसाधन प्रबन्धन के लिए समुदाय स्तर पर व्यवहारगत बदलाव लाने के मुख्य उद्देश्य के साथ बनाई गई है।

इस योजना के तहत किसानों को खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में जल भण्डारण सुनिश्चित करने का प्रावधान है, साथ ही इस योजना के जरिए किसानों की आय दोगुनी करने में भी मदद मिलेगी।

इस योजना का लाभ सात राज्यों अर्थात् गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को मिलेगा।

अटल भूजल योजना इन सात राज्यों के 8350 गाँवों में जल जीवन मिशन (JJM) के जरिए कार्यान्वित की जाएगी। जल जीवन मिशन (JJMD के अन्तर्गत वर्ष 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (FHTC) उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।

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अटल भूजल योजना योजना के प्रमुख घटक | Atal Bhujal Yojana | Atal Ground Water Scheme


अटल भूजल योजना के दो प्रमुख घटक हैं, जो निम्नलिखित हैं

a. संस्थागत मजबूती एवं क्षमता निर्माण घटक

यह राज्यों में स्थायी भूजल प्रबन्धन के लिए संस्थागत प्रबन्धनों को मजबूत बनाने के लिए है।।

इसमें नेटवर्क निगरानी और क्षमता निर्माण में सुधार तथा जल उपयोगकर्ता संघों को मजबूत बनाना शामिल है।

b. प्रोत्साहन घटक
यह घटक डाटा विस्तार, जल सुरक्षा योजनाओं को तैयार करने, मौजूदा योजनाओं के समन्वय के माध्यम से प्रबन्धन के प्रयासों को लागू करने, माँग पक्ष प्रबन्धन प्रक्रियाओं को अपनाने जैसी उन्नत भूजल प्रबन्धन प्रक्रियाओं में उपलब्धियों के लिए राज्यों को प्रोत्साहन देने के लिए है।


अटल भूजल योजना के निम्नलिखित लाभ हैं | Benefits of Atal Bhujal Yojana or Atal Ground Water Scheme


• विभिन्न स्तरों पर हितधारकों के क्षमता निर्माण तथा भूजल निगरानी नेटवर्क में सुधार के लिए संस्थागत मजबूती से भूजल डाटा भण्डारण, विनिमय, विश्लेषण और विस्तार को बढ़ावा मिलेगा।

• उन्नत डाटाबेस पर उन्नत और वास्तविक जल प्रबन्धन तथा पंचायत स्तर पर समुदाय नेतृत्व जल सुरक्षा योजनाओं को तैयार करना है।

• भारत सरकार और राज्य सरकारों की विभिन्न मौजूदा और नई योजनाओं के समन्वय के माध्यम से जल सुरक्षा योजनाओं को लागू करना, ताकि सतत भूजल प्रबन्धन के लिए निधियों के न्यायसंगत और प्रभावी उपयोग में मदद मिले।

• सूक्ष्म सिंचाई, फंसल विविधता, विद्युत फीडर विलगन आदि जैसे माँग पक्ष उपायों पर ध्यान देते हुए उपलब्ध भूजल संसाधनों का उचित उपयोग करना।


अटल भूजल योजना प्रभाव | Impact of Atal Bhujal Yojana 


• स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी में परियोजना क्षेत्र में जल जीवन मिशन के लिए। संसाधन निरन्तरता।

•किसानों की आय दोगनी करने के लक्ष्य में योगदान मिलेगा।

• भागीदारी भूजल प्रबन्धन को बढ़ावा मिलेगा।

• बड़े पैमाने पर परिष्कृत जल उपयोग । निपुणता और उन्नत फसल पद्धति को बढ़ावा।

• भूजल संसाधनों के निपुण और समान उपयोग तथा समुदाय स्तर पर व्यवहार्य परिवर्तन को बढ़ावा।


अटल भूजल योजना अन्य महत्वपूर्ण तथ्य | Important Facts of Atal Bhujal Yojana 


• जल शक्ति मन्त्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग ने अटल भूजल योजना के माध्यम से देश में भूजल संसाधनों की दीर्घकालीन निरन्तरता सुनिश्चित करने के लिए यह अग्रणीय पहल की है।

• इसमें विभिन्न भू-आकृतिक, जलवायु सम्बन्धी, जल भू-वैज्ञानिक और सांस्कृतिक स्थिति के पहलओं का प्रतिनिधित्व करने वाले सात राज्यों पहचान किए गए भूजल कमी वाले प्रखण्डों में टॉप-डाउन और बॉटम अप का मिश्रण अपनाया गया है।

• अटल भूजल योजना को भागीदारी भूजल प्रबन्धन तथा निरन्तर भूजल संसाधन प्रबन्धन के लिए समुदाय स्तर पर व्यवहार्य परिवर्तन लाने के लिए संस्थागत ढाँचे को मजबूत बनाने के मुख्य उद्देश्य के साथ तैयार किया गया है।

• इस योजना में जागरुकता कार्यक्रमों, क्षमता निर्माण, मौजूदा और नई योजनाओं के समन्वय तथा उन्नत कृषि प्रक्रियाओं सहित विभिन्न उपायों के माध्यम से इन उद्देश्यों को प्राप्त करने की कल्पना की गई है।

• भूजल देश के कुल सिंचित क्षेत्र में लगभग 65% और ग्रामीण पेयजल आपूर्ति में लगभग 85% योगदान देता है। बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण और औद्योगिकीकरण की बढ़ती हुई माँग के कारण देश के सीमित भूजल संसाधन खतरे में हैं।

• अधिकांश क्षेत्रों में व्यापक और अनियन्त्रित भूजल दोहन से इसके स्तर में तेजी से और व्यापक रूप से कमी होने के साथ-साथ भूजल पृथक्करण ढाँचों की निरन्तरता में गिरावट आई। है। देश के कुछ भागों में भूजल की उपलब्धता में गिरावट की समस्या को भूजल की गुणवत्ता में। कमी ने और बढ़ा दिया है।

•अधिक दोहन, अपमिश्रण और इससे जुडे पर्यावरणीय प्रभावों के कारण भूजल पर बढ़ते दबाव के कारण राष्ट्रीय खाद्य सरक्षा खतरे में। पहुंच गई है। इसके लिए आवश्यक सुधारात्मक.. उपचारात्मक प्रयास प्राथमिकता के आधार पर किए जाने की जरूरत है।


अटल भूजल योजना भारत में जल प्रबन्धन | Atal Bhujal Yojna Management in India

• वर्तमान में भूमिगत जल भारत में पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है जोकि सभी प्रकार की सिंचाई के 63% तथा ग्रामीण व शहरी घरेलू जल आपूर्ति के 80% से अधिक भाग के लिए जिम्मेदार है।

• संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, भारत भूजल का सबसे बड़ा निष्कर्षक (Extractor) है जो वार्षिक 245 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) जल भूमि से निष्कार्षित है। यह कुल वैश्विक मात्रा का लगभग 25% है।

• इसमें से 222 BCM जल का उपयोग सिंचाई में तथा बाकी 23 BCM जल का उपयोग घरेलू व औद्योगिक क्षेत्रों में वार्षिक रूप से होता है।
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