फोटो इलेक्ट्रिक प्रभाव (Photo Electric Effect): नियम, उपयोग, औसत आयु, अर्द्ध-आयु अवधि
फोटो इलेक्ट्रिक प्रभाव (Photo Electric Effect) : सन् 1916 ई. में आइन्सटीन ने सोडियम, पोटैशियम, रुबिडियम और लिथियम पर भिन्न-भिन्न आवृत्तियों का दृश्य
प्रकाश डालकर यह पता लगाया कि उपयुक्त धातुओं से आपाती विकिरण के प्रभाव के कारण
इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होते हैं।
अतः किसी धातु पर विशेष आवृत्ति का प्रकाश आपतित होने पर
धातु से इलेक्ट्रॉन के उत्सर्जन की घटना होती है, जिसे फोटो इलेक्ट्रिक प्रभाव कहा जाता है। इस
प्रकार उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन को फोटो इलेक्ट्रॉन या प्रकाश इलेक्ट्रॉन कहा जाता है
तथा इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित करने वाली सतह को प्रकाश सुग्राहक तल (Photo sensitive surface) कहते हैं।
फोटो इलेक्ट्रिक प्रभाव के नियम (Law of Photo Electric Effect)
#01. किसी धातु की सतह से
उत्सर्जित फोटो इलेक्ट्रॉन की दर धातु पर आपतित प्रकाश की तीव्रता के समानुपाती है
और उत्सर्जन दर आपतित प्रकाश की आवृत्ति (ऊर्जा) पर निर्भर नहीं करती है।
#02. उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों
की अधिकतम गतिज ऊर्जा आपतित प्रकाश की तीव्रता पर निर्भर नहीं करती है तथा यह
आपतित प्रकाश की आवृत्ति के साथ रेखीय रूप से बहती है।
#03. आपतित किरण की आवृत्ति
यदि एक न्यूनतम मान से कम होती है तो धातु की सतह से फोटो इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन
सम्भव नहीं है। इस न्यूनतम आवृत्ति को देहली आवृत्ति (Threshold frequency) कहते हैं। भिन्न-भिन्न
धातुओं की देहली आवृत्ति भिन्न-भिन्न होती है।
#04. प्रकाश सुग्राही तल पर
प्रकाश के आपतन तथा इलेक्ट्रॉन उत्सर्जन दोनों एक ही साथ होते हैं। समय की थोड़ी
सी भी कमी नहीं होती है।
#05. फोटो इलेक्ट्रॉन्स
उत्सर्जन तापमान पर निर्भर नहीं करता है।
फोटो इलेक्ट्रिक प्रभाव (Photo Electric Effect): नियम, उपयोग, औसत आयु, अर्द्ध-आयु अवधि |
फोटो इलेक्ट्रिक प्रभाव के उपयोग : इस प्रभाव का उपयोग निम्नलिखित कार्यों में होता है
1. ध्वनि के पुनरुत्पादन में
(Reproducing of sound)
2 चोर की घंटी (Burglar alarm) बनाने में
3. टेलीविजन में (Television)
4. फोटोमीटर में
5. आग की घंटी बनाने में
6. गिनने वाली मशीन में।
अर्द्ध-आयु अवधि (Half life period) : किसी रेडियो सक्रिय पदार्थ की सक्रियता उसकी
प्रारंभिक सक्रियता से ठीक आधी हो जाने में जितना समय लगता है उसे उस पदार्थ की
अर्द्ध-आयु अवधि कहते हैं। जैसे-माना कि 1 किलोग्राम रेडियम 1590 वर्षों बाद घटकर (आधा) किलोग्राम रह जाता है और अगले 1590 वर्षों के बाद घटकर 1 किलोग्राम बच जाता है तो
रेडियम की अर्द्ध आयु = 1590 वर्ष होती है।
औसत आयु (Average life) : विघटन स्थिरांक के व्युत्क्रम को रेडियो सक्रिय पदार्थ की
औसत आयु कहा जाता है।
अर्द्ध आयु = (औसत आयु)/0.693
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